अच्छे सबक दुश्मन से भी सीखने चाहिये! विश्व पर्यावरण दिवस का इस बार का मेजबान पाकिस्तान चला रहा 1000 करोड़ की ट्री सुनामी योजना!
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
इस साल संयुक्त राष्ट्र संघ के (UNEP Programme) के तहत पाकिस्तान विश्व पर्यावरण दिवस की मेजबानी कर रहा है, पेड़ों की अत्यधिक कटाई की वजह से पर्यावरण को पिछले कुछ दशकों में काफी नुकसान हुआ है,इसकी वजह से अब दुनियाभर के इकोसिस्टम में तेजी से बदलाव देखने को मिल रहे हैं,पर्यावरण का बिगड़ता संतुलन और बढ़ते प्रदूषण से पूरी दुनिया जूझ रही है,इन गंभीर समस्याओं से उबरने का एक मात्र उपाय दुनियाभर के पर्यावरण को हरा भरा बनाना है,यह तभी संभव है जब लोग पेड़ों के संरक्षण के प्रति जागरुक हों,इसी जरूरत को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ की पहल पर विश्व पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की शुरूआत साल 1974 में की गई थी, जिसे हर साल नए थीम के साथ मनाया जाता है,इस साल संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की साझेदारी में पाकिस्तान विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की मेजबानी करने जा रहा है,वर्चुअल फिफ्थ यूएन एनवायरनमेंट असेंबली (यूएनईए-5) के कार्यक्रम में घोषणा करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के सलाहकार और जलवायु परिवर्तन मंत्री मलिक अमीन असलम ने दुनिया भर में पारिस्थितिक तंत्र के क्षरण को रोकने और इसकी पुर्नबहाली की आवश्यकताओं की बात कही थी, बता दें कि पाकिस्तान की सरकार ने अगले पांच वर्षो में 1000 करोड़ ‘ट्री सुनामी पहल’ के तहत देश में जंगलों के विस्तार और पुनर्स्थापना की योजना बनाई है, यही नहीं,इस कैम्पेन में पाकिस्तान मैन्ग्रोव और जंगलों को पुनर्स्थापना करने,स्कूल, कॉलेज, पार्क वगैरह सहित शहर के अन्य कई इलाकों में वृक्षारोपण की योजना पर काम कर रहा है।विश्व पर्यावरण दिवस 2021 की थीम इस साल इकोसिस्टम रेस्टोरेशन (Ecosystem Restoration) यानी कि पारिस्थितिकी तंत्र बहाली है, इकोसिस्टम रेस्टोरेशन के तहत पेड़ लगाकर या पर्यावरण की रक्षा कर प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना और इकोसिस्टम पर बढ़ते दबाव को कम करना है,बता दें कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में लोगों के बीच पर्यावरण प्रदूषण,जलवायु परिवर्तन, ग्रीन हाउस के प्रभाव, ग्लोबल वार्मिंग, ब्लैक होल इफेक्ट आदि ज्वलंत मुद्दों और इनसे होने वाली विभिन्न समस्याओं के प्रति सामान्य लोगों को जागरूक करना है और पर्यावरण की रक्षा के लिए उन्हें हर संभव प्रेरित करना है।