“जागो उत्तराखण्ड” की ख़बर का संज्ञान लेते हुए हुए मुख्य वन संरक्षक उत्तराखण्ड(HoFF)जयराज ने लैन्सडाउन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट के कम्पाटमेंट 17 B में मादा हथिनी की मौत के मामले में वन अधिकारियों को चेताया…
“जागो उत्तराखण्ड” की ख़बर का संज्ञान लेते हुए हुए मुख्य वन संरक्षक उत्तराखण्ड(HoFF ) जयराज ने लैन्सडाउन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट के कम्पाटमेंट 17 B में मादा हथिनी की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद, मामले में वन अधिकारियों के द्वारा सम्भावित लापरवाही बरतने की बात सामने आने को लेकर चेताया है ,कि वन्य प्राणियों की देखरेख में किसी तरह की लापरवाही न बरती जाय और घायल या बीमार होने पर उन्हें यथासम्भव शीघ्र इलाज मोहय्या करवाया जाय,पिछली 8 फरवरी को लैन्सडाउन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज के कण्वाश्रम बीट के कम्पाटमेंट 17 B में मादा हथिनी मृत पायी गयी थी, स्थानीय लोगो का कहना है की मादा हथिनी पिछले 15 दिनो से गांव के नजदीक देखी जा रही थी, जिसकी सूचना वन विभाग को दे गयी थी , लेकिन वन विभाग की लापरवाही के चलते मादा हथिनी की मौत हो गई, मादा हथनी की मौत जांच कर रहे डाक्टरो का भी कहना है की हथिनी के पिछले भाग मे धाव बना हुआ था, जो कि हथिनी की मौत का कारण हो सकता है..