
पहली बार महिला साधवी को महामंडलेश्वर की उपाधिा से सुशोभित किया गया। माता संतोष भारती _षिकेश में स्थापित तमाम मठ-मंदिरों और आश्रमों में पहली महिला महामंडलेश्वर चुनी गई हैं। हालांकि, धार्मनगरी हरिद्वार के मठ-मंदिरों में पूर्व में भी कई महिलाओं को महामंडलेश्वर की पदवी से सुशोभित किया गया जा चुका है। बता दें कि, वेद निकेतन आश्रम में धाार्मिक समारोह का आयोजित किया गया। इसमें आनंद अखाड़े के पीठाधाीश्वर श्री श्री 1008 आचार्य महामंडलेश्वर बालकानंद गिरि महाराज के परम सानिधय में आश्रम के संस्थापक, ब्रह्मलीन पीठाधाीश्वर योगी मंडलेश्वर स्वामी मुनिशानंद महाराज द्धविश्वगुरु महाराजऋ की शिष्या साधवी स्वामनी दिव्यानंद सरस्वती द्धमाता संतोष भारतीऋ का चादर विधिा के तहत पट्टाभिषेक किया गया। इस धाार्मिक समारोह में उत्तराखंड से लेकर उत्तरप्रदेश के साधाु-संतों, राजनीति व सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग भी शामिल हुए। बता दें कि, साधवी स्वामनी दिव्यानंद सरस्वती द्धमाता संतोष भारतीऋ वेद निकेतन आश्रम के संस्थापक प्रख्यात संत विश्वगुरु महाराज द्ध1008ऋ योगी महामंडलेश्वर स्वामी मुनिशानंद की शिष्य हैं। स्वामी मुनिशानंद के ब्रह्मलीन होने के बाद से साधवी ही उनकी गद्दी संभाल रही हैं।