बल! रेड जोन से उत्तराखण्ड आने वाले “नेताजी” से नहीं होता कोरोना संक्रमण..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
कोरोना संक्रमण के दौरान लगातार देखने में आया है कि उत्तराखण्ड के अन्दर ही रेड जोन या ऑरेंज जोन से नेताजी लगातार बेरोकटोक ग्रीन/ऑरेंज जोन में दौरे लगा रहे हैं,हद तो तब हो जाती है ,जब उत्तराखण्ड से बाहर के रेड जोन से आकर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी समझते हुये नियमतः चौदह दिन सेल्फ होम क्वारंटाइन होने के बजाय नेताजी भीड़-भाड़ के साथ उत्तराखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले हमारे पहाड़ी भाई-बहनों के बीच दाखिल हो जाते हैं,ताज़ा मामला पौड़ी की यमकेश्वर विधानसभा की विधायक ऋतु खण्डूरी से जुड़ा हुआ है
आरोप है कि इन दिनों वे रेड जोन दिल्ली से आकर बिना चौदह दिन क्वारंटाइन हुये अपनी विधानसभा के ग्रामीण इलाकों में भीड़-भाड़ के साथ दौरे कर रही हैं,यमकेश्वर विधानसभा के कांग्रेस आई टी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष विपिन पेटवाल सरकार ने पौड़ी जनपद के यमकेश्वर तहसील प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुये कहा है,कि क्या बाहरी राज्यों से उत्तराखण्ड आने पर इंस्टिट्यूशनल या होम क्वारंटाइन होने का नियम केवल आम प्रवासी उत्तराखंडियों और गरीब जनता के लिये है?क्या जनप्रतिनिधियों पर यह नियम लागू नहीं होता! पेटवाल ने आरोप लगाया कि सरकार में शामिल विधायक ही लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा कर लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल रहे हैं,यह बेहद चिंताजनक है,उन्होंने यमकेश्वर विधानसभा से भाजपा विधायक ऋतु खंडूरी पर आरोप लगाया है कि वे कोरोना संक्रमण के दौरान तीन महीने दिल्ली जैसे रेड जोन में बिताने के बाद ,अब सीधे जनता के बीच पहुँच गयी हैं और भारी भीड़ लेकर गाँवों मे भ्रमण कर रही है,वहीं उन्होंने यमकेश्वर के उमरोली से जिला पंचायत सदस्य आरती गौड़ पर भी, देहरादून जो कि पूर्व में रेड और अब ऑरेंज जोन में है, में तीन महीने बिताने के बाद सीधे जनता के बीच जाकर भीड़ इकट्ठा करके लॉक डाउन का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है
उन्होंने जिला प्रशासन से दोनों के ख़िलाफ़ आपदा अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की माँग की है।