वर्ल्ड होमियोपैथी डे पर बड़ा सवाल: आख़िर कोरोना से बचाव में होमियोपैथी इलाज़ का क्यों नहीं लिया जा रहा सहारा?
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:
आज होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति के जनक डॉ. सैमुअल फ्रेडिक हैनीमैन की 265 वीं जयन्ती है,होमियोपैथी विश्व भर में अपनी स्वीकार्यता एवं प्रभावकारिता की दृष्टि से एक अग्रणी चिकित्सा पद्धति के रूप में उभरी है,होमियोपैथी का इलाज कम खर्चीला एवं प्रभावशाली भी है,होमियोपैथी की दवाइयां कोविड-19 वायरस से बचाव में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं,क्योंकि ये शरीर के इम्यून सिस्टम को बढ़ा कर कोरोना संक्रमण के प्रति शरीर की रोग प्रतिरोधकता को मजबूत करती हैं,प्रदेश के कई होमियोपैथी चिकित्सक दूर -दराज़ दुर्गम क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों को अपनी चिकित्सा सेवा प्रदान कर अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दे रहे हैं,जिससे होमियोपैथी के प्रति लोगों का विश्वास काफ़ी बढ़ा है,अनेक प्रकार के रोगों के इलाज के लिए होमियोपैथी काफी कारगर भी सिद्ध हुयी है,स्किन,चर्म रोग, पथरी, माइग्रेन एवं पेट सम्बन्धी रोगों के निदान के लिये होमियोपैथी की दवा काफ़ी लाभकारी भी सिद्ध हुयी है,देश की टॉप होमियोपैथ डॉ. हिमानी नेगी जनता को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव लिये स्टे एट होम और सोशल डिस्टेंसिंग के अलावा शरीर की रोग प्रतिरोधकता को बढ़ाने के लिये होमियोपैथिक दवाओं के प्रयोग को कारगर बताती हैं
उत्तराखण्ड में कई होमियोपैथिक औषधियां भी बनती हैं,डॉ0 अमित राज सिंह नेगी,अध्यक्ष,प्रान्तीय होमियोपैथिक चिकित्सा सेवा संघ,उत्तराखण्ड ने “जागो उत्तराखण्ड” से बातचीत में बताया कि यदि सरकार चाहे तो प्रदेश के कई होमियोपैथिक डॉक्टर कोरोना के इलाज़ में अपना योगदान देना चाहते हैं, इस सम्बन्ध में आयुष मंत्रालय भारत सरकार ने गाइडलाइन भी जारी की थी कि कोरोना संक्रमण के ख़िलाफ़ कौन सी होमियोपैथिक दवाएँ शरीर की रोग प्रतिरोधकता बढ़ा कर कोरोना से बचाव में सहायक सिध्द हो सकती हैं
लेकिन विश्व,देश और प्रदेश में फिलहाल कोरोना के इलाज में एलोपैथी चिकित्सा को ही अन्य चिकित्सा पध्दतियों के ऊपर तरज़ीह दी जा रही है,जो अभी तक कोरोना का सक्षम इलाज नहीं ढूंढ पायी है,ऐसे में होमियोपैथिक चिकित्सा पध्दति को आजमाना कोरोना से बचाव व इलाज़ में निश्चित रूप से कारगर विकल्प साबित हो सकता है।