बदहाल क्वारंटाइन सेंटर्स जल्द सुधारने को स्वास्थ्य और आपदा सचिव को हाईकोर्ट के निर्देश..

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बदहाल क्वारंटाइन सेंटर्स जल्द सुधारने को स्वास्थ्य और आपदा सचिव को हाईकोर्ट के निर्देश..
जागो ब्यूरो रिपोर्ट:

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट नैनीताल की जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस रवीन्द्र मैठाणी की डबल बेंच ने गाँव के स्कूलों में बने क्वारंटाइन सेन्टर्स की बदहाल स्थितियों में सुधार हेतु दाख़िल जनहित याचिका पर सुनवायी करते हुये,मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य,आपदा सचिव और जिलाधिकारी पौड़ी से उनका पक्ष सुनने के बाद जनपद के स्कूलों की बदहाली पर कड़ी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुये कहा कि “अगर कोरोना नहीं होता तो हमें पता ही नहीं चलता कि ये हाल हैं स्कूलों के!स्कूल लगने के दौरान बच्चियां कँहा जाती हैं टॉयलेट?राज्य सरकार द्वारा क्वारंटाइन सेंटर्स की देखभाल के लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत को 3,000 रुपये दिये जाने की बात कहे जाने पर भी कोर्ट ने कड़ी आपत्ति जाहिर की और कहा कि”क्या होता है 3,000 रुपये? इससे बढिया न ही देते!” माननीय न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि स्वास्थ्य सचिव,तत्काल जनपदों के जिलाधिकारियों से सामन्जस्य स्थापित करते हुये क्वारंटाइन सेन्टर्स में जरूरी सुविधायें उपलब्ध कराने हेतु ग्राम प्रधानों को एक सम्मानजनक फंड रिलीज करना सुनिश्चित करे

 

इसके अलावा उच्च न्यायालय ने यह शिकायत मिलने पर कि क्वारंटाइन सेन्टर्स में रहने के लिए लोगों से भुगतान भी लिया जा रहा है,इसपर,राज्य सरकार द्वारा बताया गया कि क्वारंटाइन किये गये लोगों को होटलों में ठहराने हेतु प्रतिदिन ₹ 950 का भुगतान सरकार द्वारा किया जा रहा है,जबकि लक्ज़री सुविधा वाले होटलों में ही लोगों से भुगतान लिया जा रहा है,जिस पर हाईकोर्ट ने ऐसे होटल्स में रह रहे लोगों को दी जा रही सुविधाओं से सम्बंधित एक डिटेल रिपोर्ट भी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं,आपको बता दें क्वारंटाइन सेन्टर्स की बदहाली को लेकर पौड़ी के ल्वाली ग्रामसभा के प्रधान रामस्वरूप द्वारा दाख़िल जनहित याचिका दायर की गयी है जिसमें उत्तराखण्ड हाईकोर्ट के विद्वान अधिवक्ता नवनीश नेगी मामले की पैरवी कर रहे हैं,याचिका दाखिल होने के बाद राज्य सरकार और जनपद प्रशासन क्वारंटाइन सेन्टर्स में सुविधायें बेहतर करने और ग्राम प्रधानों को इन क्वारंटाइन सेंटर्स के रखरखाव करने हेतु फण्ड उपलब्ध करवाने के लिये हरकत में दिखायी दे रहा है,हाईकोर्ट 17 जून को इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा।

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