लैंसडाउन वन प्रभाग का डीएफओ सन्तराम बना हरे पेड़ों का जानी दुश्मन ,नहीं मानता उच्चाधिकारियों के भी आदेश…
लैन्सडाउन वन प्रभाग के डीएफओ सन्तराम नवम्बर 2017 में पदभार ग्रहण करने के बाद से ही विवादों में हैं, दिसम्बर माह में “जागो उत्तराखण्ड” के कैमरे पर डीएफओ सन्तराम यह कहते हुए क़ैद हुए थे, कि उन्होंने कोटद्वार की एक भाजपा नेत्री के पिता को मंत्री जी के इशारे पर हरे पेड़ों के कटान की अनुमति दी है, शिवालिक रेंज की तत्कालीन वन संरक्षक मीनाक्षी जोशी ने सन्तराम को नियमविरुद्ध भारी मात्रा में हरे स्वस्थ पेड़ों के कटान का अनुमति देने का दोषी पाते हुए, पेड़ों के कटान पर रोक लगा दी थी और मामले की विभागीय जांच के आदेश दे दिए थे , तब 283 हरे स्वस्थ चीड़ के पेडों को वन माफियाओं द्वारा बैखौफ होकर काटा गया था, बाद में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक उत्तराखण्ड जय राज ने भी हरे पेडों के कटान की अनुमति न देने के सम्बन्ध में सन्तराम को चेताया था, लेकिन सारे आदेशो को दरकिनार करते हुए अब फिर से सन्तराम ने हरे स्वस्थ चीड,ख़ैर और अन्य प्रजातियों के पेड़ों पर आरियाँ चलवानी शुरू कर दी है , “जागो उत्तराखण्ड” द्वारा मामला शिवालिक रेंज के वन संरक्षक पात्रो के समक्ष रखे जाने पर, उन्होंने जाँच में दोषी पाए जाने पर सन्तराम पर विभागीय कार्यवाही करने का आश्वासन दिया है ,हालाँकि सम्पूर्ण घटनाक्रम से साफ़ हो रहा है कि सन्तराम किसके? राजनैतिक संरक्षण के चलते लगातार हरे पेड़ों को काटने की अनुमति दे रहा है,यह भी जानकारी प्राप्त हुयी है कि सन्तराम को एसडीओ से सीधे डीएफओ बनाने में भी राजनैतिक संरक्षण के चलते विभागीय नियमों को ताक़ पर रखा गया है…