भ्रष्टाचारियों पर कड़ी कार्रवाई करेगी सरकार: PM

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नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार और कालेधन को सबसे बड़ी चुनौती बताया है। नई दिल्ली स्थि‍त विज्ञान भवन में सीबीआई के कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए पीएम ने कहा कि वह भ्रष्टाचार से हासिल संपत्ति को बाहर लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसके लिए सिस्टम को पारदर्शी बनाना का सबसे अधि‍क जरूरी है।

आतंकवादियों के वित्त पोषण के स्रोतों पर लगाम लगाने के लिए लक्षित आर्थिक प्रतिबंध की वकालत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पेरिस में हाल में हुआ आतंकी हमला इस बात की ओर गंभीरता से इशारा करता है कि आतंकवादियों ने अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए उल्लेखनीय लचीलेपन एवं अनुकूलता का प्रदर्शन किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादी मादक पदार्थों की तस्करी, बैंक में डकैती, वाहनों की चोरी, जाली मुद्रा या विफल राष्ट्रों में राज्य प्रायोजित गतिविधियों जैसे अनेक आपराधिक कार्यों के जरिये वित्त की व्यवस्था करते हैं।

सीबीआई के 21वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि वित्त पोषण के स्रोत को अवरूद्ध करने से आतंकवादियों की क्षमताएं सीमित होंगे और उनकी हमले को अंजाम देने की क्षमता कम होगी। सीबीआई, भ्रष्टाचार निरोधक एवं सतर्कता ब्यूरो के 21वें सम्मेलन और परिसंपत्ति वापसी पर वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने 33 देशों के अन्वेषकों से कहा कि इसमें संस्थागत सुरक्षा और लक्षित आर्थिक प्रतिबंध दोनों शामिल हैं जो विश्वसनीय आतंकवाद निरोधक खुफिया सूचना पर आधारित हो।

सीबीआई के अधिकारियों ने कहा कि पेरिस हमलों के मद्देनजर उड़ानों के रद्द होने के कारण कुछ देश इस सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाए। मोदी ने कहा कि अपराध के खिलाफ लड़ाई का एक महत्वपूर्ण तत्व अपराध से होने वाली आय पर निशाना साधना है। उन्होंने इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहयोग मांगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अपराध, भ्रष्टाचार और आतंकवाद से लड़ाई के लिए हमें परिसंपत्ति वापसी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने की दिशा में प्रयास करने की जरूरत है।

पीएम मोदी ने चेताया कि संगठित अपराध का वैश्विकरण दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष एक बड़ी चुनौती उत्पन्न करता है और यह सर्वज्ञात है कि खराब धन, अच्छे धन को बाहर भगा देता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संगठित अपराध निवेश और आर्थिक वृद्धि को बाधित कर सकता है। यह अर्थव्यवस्था के एक बड़े हिस्से में घुसपैठ या उसपर नियंत्रण कर सकता है। अवैध वित्त पोषण से मादक पदाथरे की तस्करी, हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी और आतंकवाद जैसी अपराधिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है।

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